Do Chaar Din

राहुल वैद्य

दो चार दिन से यूँही खुद से भी मैं खफा हूँ आके जो तू मिले देखो मैं हस पड़ा हूँ आज फिर, आज फिर, आज फिर आज फिर आते जाते लोगों से होने लगी है यारी लगने लगी है मुझको ये शामें और प्यारी आज फिर, आज फिर, आज फिर आज फिर ला ला ला हे हे हे ओ ओ ओ ओ ओ हे हे हे हे ओ ओ ओ ओ आवाज़ तेरी सुनूँ आ जाये दिल को सुकून बाकी है जो भी यहां सब शोर है तू और आँखें तेरी दोनों है जन्नत मेरी जीने की वजह यहां क्या और है पूरा का पूरा मैं तोह अब तेरा हो चूका हूँ आके जो तू मिले देखो मैं हस पड़ा हूँ आज फिर, आज फिर आज फिर आज फिर दिल में जो मेरे दबी इक दिन वो बातें सभी खुल के बताऊँ तुम्हे ये शौक है जैसे किसी ने कभी चाहा किसी को नहीं वैसे मैं चाहु मैं तुम्हें ये शौक है चाहो तोह प्यार कह लो या कह लो सिरफिरा हूँ आके जो तू मिले देखो मैं हंस पड़ा हूँ आज फिर, आज फिर, आज फिर आज फिर ला ला ला हे हे हे ओ ओ ओ ओ ओ हे हे हे ओ ओ ओ ओ

Written by: JEET GANGULY, MANOJ MUNTASHIR SHUKLALyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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