Kal Se
soume sailsh, राहुल वैद्य
यह बेखुदी अंजानी है
थोड़ी नही ये कहानी है
पहले हुआ ना कभी जो हुआ हे कल से
बातें जो कहने को नही है साँसें रुकी लम्हे थामे है
पहला हुआ तो नही है हुआ हे कल से
यह बेखुदी अंजानी है थोड़ी नही ये कहानी है
पहले हुआ ना कभी जो हुआ हे कल से
ढूँढता हे दिल यह छोटी छोटी बातो मे मज़ा
मज़ा
ऐसा लेगा यह चाहाया हे कोई हसीन नशा
नशा क्यूँ वो वो
आँखो मे झलकी जो हसी हैं
होठो से दिल.मे जा बसी हे
मेने यह सोच के जाना हुआ हे कल से
यह बेखुदी अंजानी है थोड़ी नही यह कहानी है
पहले हुआ ना कभी जो हुआ हे कल से
चलते चलते ही राह मे कोई हे मिला
मिला
हुआ हाल केसा इत्तेफ़ाक़ सही हे खिला खिला
क्यूँ वो वो
दिल मे अजब सी ताज़गी हैं
चारो तरह अब आशिकी हे
पहले ही ये दिल था संभाला हुआ हे कल से
यह बेखुदी अंजानी है थोड़ी नही यह कहानी है
पहले हुआ ना कभी जो हुआ हे कल से
बातें जो कहने को नही हे साँसें रुकी लाहमे थामे हे
पहले हुआ तो नही हुआ हे कल से
यह बेखुदी अंजानी है थोड़ी नही यह कहानी है
पहले हुआ ना कभी जो हुआ हे कल से
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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