Kya Kare Kya Na Kare
प्रणव चंद्रन
क्या करें क्या ना करें ये कैसी मुश्किल हाय
कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई
के एक तरफ तो उससे प्यार करें हम
और उसको ही ये केहने से डरे हम
क्या करें क्या ना करें ये कैसी मुश्किल हाय
कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई
रोज़ रोज़ हम सोचता येहि
आज हमको वो अगर मिल जाए कहीं
तो ऐसा बोलेगा साला वैसा बोलेगा
खुल्लम खुल्ला उसपे दिल का राज़ हम खोलेगा
वो सामने चमकती है
सांस ही अटकती है
और ये ज़बान जाती है फिसल
तो क्या करें क्या ना करें ये कैसी मुश्किल हाय
कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई
के एक तरफ तो उससे प्यार करें हम
और उसको ही ये केहने से डरे हम
कोई बड़ी बात नहीं हमें केहेना था जो भी
वो तो हम यूँही केहेते मगर
फिर भी कहा नहीं वजह इसकी है यही
बस इनकार से हमको था डर
अब कहें तब कहें, कहाँ कहें, कब कहें
सोच सोच में ही वो गयी निकल
हाँ क्या करें क्या न करें ये कैसी मुश्किल हाय
कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई
के एक तरफ तो उससे प्यार करें हम
और उसको ही ये केहने से डरे हम
क्या करें क्या ना करें ये कैसी मुश्किल हाय
कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now