Rimjhim Gire Sawan

प्रणव चंद्रन, Sanjay S Yadav

रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन रिमझिम गिरे सावन महफ़िल में कैसे कह दें किसी से दिल बंध रहा है किस अजनबी से महफ़िल में कैसे कह दें किसी से दिल बंध रहा है किस अजनबी से हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन रिम-झिम गिरे सावन

Written by: RAHUL DEV BURMAN, YOGESHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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