Kuch Na Kaho

प्रणव चंद्रन

कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो क्या कहना है क्या सुनना है मुझको पता है तुमको पता है समय का यह पल थम सा गया है और इश्स पल मैं कोई नही है बस एक मैं हू बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो महके बहके लम्हे सुर कुछ नये से हैं छेड़े रुकती और चलती सांसे बे दम सी मुझको दीवाना करके महके बहके लमह सुर कुछ नये से हैं छेड़े रुकती और चलती सांसे बे दम सी मुझको दीवाना करके और इस सफ़र मे कोई नहीं है बस एक मैं हू बस एक तुम हो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

Written by: JAVED AKHTAR, RAHUL DEV BURMANLyrics © Universal Music Publishing Group, Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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