Aye Mere Pyare Watan
प्रणव चंद्रन
रूह से रूह बातें कर रही है
सारा जहां बेबस क्यूँ है
रोशनी है तेरी सारी
जिसमे मैं हूँ चल रहा
एक होके क्यूँ बटा है
किस खयाल में पल रहा
मिटने न देंगे तेरी शान
ए मेरे प्यारे वतन
तुझपे दिल क़ुरबान
ए मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
है यहाँ कितनी ज़ुबान
क्यूँ बेज़ुबान सा
है यहाँ कितनी ज़ुबान
क्यूँ बेज़ुबान सा
है धरम की डोर क्यूँ
तू तोड़ आ जा
चल हिफाज़त करले मिलकर
जान से प्यारे इस वतन की
चल मोहब्बत हम निभाए
दिल में कब से जो जतन थी
सर जो सरहद पर कटे तो
गम नहीं है गम नहीं (गम नहीं है)
बात वतन की और हटे वो
हम नहीं है हम नहीं (हम नहीं है)
मिटने न देंगे तेरी शान
ए मेरे प्यारे वतन
तुझपे दिल क़ुरबान
ए मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
ए मेरे प्यारे वतन
ए मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
ए मेरे प्यारे वतन
ए मेरे बिचड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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