Sharminda Jis Se Chand Hai

Pankaj Udhas

शर्मिंदा जिस से चांद है सूरज हैं गहरे में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में शर्मिंदा जिस से चांद है सूरज हैं गहन में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में जलवो से जिस के रौशनी तारो को मिली हैं जलवो से जिस के रौशनी तारो को मिली हैं शादा भी जिस्के बांध से बहारो को मिली हैं बहारो को मिली हैं रहाता हूं सदा उसकी लगान में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में मैं जब भी उसकी बहन पे सर राखा के सो गया मैं जब भी उसकी बहन पे सर राखा के सो गया दुनिया के रांझो गम से बहुत दूर हो गया बहुत दूर हो गया महसूस हुआ चैन मुझे गम की चुभन में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में महबूबे जिंदगी हैं वो तस्वीर प्यार किस महबूबे जिंदगी हैं वो तस्वीर प्यार किस पाई मेरे खाबो ने ताबीर प्यार की ताबीर प्यार की चाहत के सारे रेंज मिले मेरी दुल्हन में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में शर्मिंदा जिस से चांद है सूरज हैं गहरे में ऐसा हसीन फूल हैं इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में इक मेरे चमन में

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