Bhooli Bisree

Pankaj Udhas

वो अश्क़ बनके मेरी चस्में तार में रहता हैं वो अश्क़ बनके मेरी चस्में तार में रहता हैं अजीब शाकस हैं पानी के घर में रहता हैं भूली बिसरी यादों की किरनो को सजाकर रोए हैं वो चेहरा जब याद आया हम सम्मा जलाकर रोए हैं वो चेहरा जब याद आया हम सम्मा जलाकर रोए हैं हम सम्मा जलाकर रोए हैं साथ तुम्हारा क्या च्छुटा था दर्द से हर रिस्ता टूटा था साथ तुम्हारा क्या च्छुटा था दर्द से हर रिस्ता टूटा था ये आँसू हैं खुशी के आँसू तुमको पाकर रोए हैं तुमको पाकर रोए हैं भूली बिसरी यादों की किरनो को सजाकर रोए है अपनी ही मजबूरी थी जो होत हुमारे खुल ना सके अपनी ही मजबूरी थी जो होत हुमारे खुल ना सके जब भी माँगा खुदा से तुम्हें बस हाथ उठा कर रोए हैं बस हाथ उठा कर रोए हैं भूली बिसरी यादों की किरनो को सजाकर रोए हैं याद हैं अब तक शामे जुदाई वो पलके भीगी थी याद हैं अब तक शामे जुदाई वो पलके भीगी थी राशिद आज उन्ही आँखों के खाब सजाकर रोए हैं खाब सजाकर रोए हैं भूली बिसरी यादों की किरनो को सजाकर रोए हैं वो चेहरा जब याद आया हम सम्मा जलाकर रोए हैं हम सम्मा जलाकर रोए हैं भूली बिसरी यादों की किरनो को सजाकर रोए हैं.

Written by: MUMTAZ RASHID, PANKAJ UDHASLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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