Mohabbat Na Samjh Hoti Hai

पंकज उधास

मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है नयी उम्रों की अनजानी जिदों को कौन समझाए नयी उम्रों की अनजानी जिदों को कौन समझाए कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है तेरी बेबाकियों को इसका अंदाजा नहीं शायद तेरी बेबाकियों को इसका अंदाजा नहीं शायद किसी दिल में जगह पाने को शर्माना ज़रूरी है किसी दिल में जगह पाने को शर्माना ज़रूरी है जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का जो कहता है खुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है जो कहता है खुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है मोहब्बत नासमझ होती है समझाना ज़रूरी है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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