Kabhi Kisi Ki Khushian Koi Loote Na

Mukesh

कभी किसी की खुशियाँ कोई लूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना बनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना बनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना भंवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारे भंवर से बच के एक भटकती नाव लगी थी किनारे किसे ख़बर थी फिर पहुँचेगी इन आँसुओं के द्वारे हाय इस तरह भाग किसी से रूठे ना बनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डाली अभी अभी दो फूलों वाली झूम रही थी डाली घिरी अचानक काली बदली बिजली गिराने वाली होते-होते साथ किसी का छूटे ना बनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना बनते-बनते महल किसी का टूटे ना कभी किसी की ख़ुशियाँ कोई लूटे ना

Written by: DATTARAM, PRADEEPLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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