Sukh Aur Dukh Is Duniya Men

Mukesh

सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है हो एक में काटे है जो पापी का नाश करे वो अपराधी कहलाये लेकिन ये तक़दीर का लिखा कोई बादल न पाये जब खुद इंसाफ का मालिक देखके चुप रह जाये हो सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है रोना इसका देख रहा है तू इंसाफ के वाली अपने लहू से की थी जिसने बगिया की रखवाली आग लगा दी इस दुनिआ ने जल गयी सब हरयाली हो सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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