मेरे चाहने वाले मुझसे प्यार करने वाले और मुझसे जलने वाले
या में कहु के थोड़े इन्सेक्युर लोग जो मेरे आसपास है
जो अछि चीज़ को भी आगे नहीं आने देते है
थोड़ी मेचुरिटी की कमी हे आप लोगो में
आये रेमेम्बेर 2014 में मैंने फर्स्ट अपना टीज़र पोस्ट किया था
इस बार भी आपके लिए कुछ लिखा
कुछ क्या बहुत कुछ लिखा है
क्यूंकि हम तो छाती ठोक के बोलते हे
हम अचे है और आप अभी बच्चे हो
क्यों क्युकी आप इंसिक्योर हो
हाहा मैं बदल गया हूँ
होहो पहले से डबल नया हूँ
दुगना मैं 2 टाइम्स फ्रेश ताज़ा
एस फ़क आजा कर टेस्ट
जा जा कर मेस न मुझसे खुदसे कर सवाल
क्यूँ बेस्ट मैं तुझसे कुछ तो है कमाल
तू माल का कर भले इस्तेमाल
मैं सोबर फिर भी हद्द बवाल
देख ढृढ़ता तू टेबल पे धिड़कीटाटा सा पितता
मैं बेटा पहले दिन से ही हिट था
मुंह फाड़ता तब बस लिटिल बिट (है)
थे रंग फिर भी बना गिरगिट न न न
दुर्घटना घटी थी तबियत से फटी थी
ज़िन्दगी मेरी कुछ हिस्सों में बटी थी
दो साल बस साली कहने को कटी थी
किस्मत थी तत्ति पर मेहनत न मत्ती
कहने को अब थोड़ी बद्र ये छाती
सुनने की आदत सी मुझको थी राति
कभी न सोचा था सोच से कटती
पर अब तो हो गयी अब्बा है
आदाब करो हम अब्बा है
कर दू जो लूप्स डिलीट मई एके
तो स्टूडियो तेरा डब्बा है(व्हाट)
फ़क योर अंडरग्राउंड स्किल्स
मैंने घोट के पॉट में बहा दिए
तुम सोचते अब जिन्हे फ्रेश
मैंने पहले ही ल वह जेक दिए
मुझे ज़रूरत नहीं है गाने की
जुर्रत तुम करो तो आने की
हरी नगर के ड़ा ब्लॉक में
19ई में शकल दिखने की
मेरा न कोई गेंरे है
न कोई मेरा योर ऑनर है
म्यूजिक है मेरी रगों में
भाई तेरा यूनिवर्सल डोनर है
थोड़ा छिड़कू नमक तेरे जले पे
जो अँगरेज़ लिखाया तूने गले पे
उसे घोट दिया मेरी जनता ने
सच मूत दिया तूझ भाले पे
तभी उतरे चबूतरे नए मैदान में
इंग्लिश छोड़ घुसे हिंदी की गद में
फटी पड़ी है देखो शकल
अंग्रेज बनने चले हिंदुस्तान में
हसन मैं तुमपे मज़ा है आता
क्यों खोल दू अंदर देके मैं छाता
घर जा तू गर्जा न करियर में लेकिन
बरसा मई वर्सेज में वर्षा से ज़ादा
कलप न कल्पनाओ में
आयेगा भाग के कल पनाहो में
मेरा बड़ा है दिल मुझे भाई समझ
भरे नफरत क्यों ाहो में
लकीरें जो पंचेस से मस्तक पे तेरे
जो पड़े नीचे काले आँखों के घेरे
10 बार सुनके था सोया तू वर्सेज
पर पाया गया सुबह हस्ते सवेरे
धीमा है तू मन्द है
वीड के नशे में भुंड है
तुझे भीच दू टांगो के बीच में
तेरी जगह वही तू झंड है
मैं ईलस्ट हूँ
क्यूँ है जेलस तू यूँ न
किलास बिना से नीरस है तू
गु अकाल से चु लगे शकल से तू
हाथ रगड़ मुंह पकड़ के थप्पड़ मैं दू
पंचेश्वर मैं पेशेवर
करूँ पेश जो सुने पूरा देश
पर स्वदेस भर में काहे तेज़ कर
रफ़्तार फ़ैल तू अँगरेज़ कर
मेरी सेज पर सिर इमेज पर
न जाओ सफ़ेद मेरे केश पर
आई बेट रकम राखो मेज़ पर
मेरी खोपड़ी भारी पड़े ऐज पर
भगोड़ा नहीं न हो जल्दी में मई
कुछ सीखूं तो खुश हर ग़लती में मैं
मेरा वक़्त है अब बन मेरी लुगाई
हुँ दूल्हा सना बैठा हल्दी में मैं
करियर में लगा था ब्रेक
देख अब फुर्ती तेरे फ़ादर में
मई ट्रैक पे केहता लेट’स रेस
तुम गियर बदलते चादर में
हा घमण्ड विनाश है करता
आईम रेडी मुहफाड़ न डरता
कलयुग यहाँ काल न मरता
मैंने सच से उठाया पर्दा
सच नंगा किया अन्जाम ने
पहले हवा बनायीं मेरे नाम ने
था रुबरु पर न सामने
जब आया तो फाड़ दी काम ने
खैर ये बात रही कलाकारों की
अब पोल जो खुले गवारो की
बिज़नेस माइंडेड इंडस्ट्री में
बर्बादी बने सितारों की
जी करे बिठा के सामने
पुछु तू देगा मुझे ब्रेक
मुझसे चलती तेरी रोटी
100 तेरे मरके गिनूंगा एक
सुन अब मै तेरे क्लब में
मरू घुस के मै तेरे बाथ टब में
फ्री कर दू मै शो इस शर्त पे
पहले तू मुजरा करेगा तेरे पब में
बोल अरे यू रेडी
बोल है न डील ये कैदी
तू सूट में सीट पे बैठा
मैं बीट पे बातों में फिर भी हु डैडी
मुफ्त की दारू न अंदर उतरी
मैं उनमें से नहीं जो तुछे बाज़ारी
फायदा न मुह कभी नशे के आगे
मैं सोबर हु जी के टट्टी तुम्हारी
Written by: MUHFAADLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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