Aelaan

मुहफाड़

हन भाई बाज रहे हैं हन भाई बाज रहे हैं आबे साले और पांडु क्या चल रहा है भाई बज रहे हैं आयेज से पीच्चे से लग रहे हैं कल छाती चौड़ी करी मैने अपनों की प्रजा वेल आज मुँह फाड़ के हस्स रहे हैं पांडु क्या चल रहा है भाई बज रहे हैं आयेज से पीच्चे से लग रहे हैं कल छाती चौड़ी करी मैने अपनों की प्रजा वेल आज मुँह फाड़ के हस्स रहे हैं बस भाई दाँत दिखाने से बच रहे हैं महाराज बिन स्माइल के भी जाच रहे हैं च्चत गये बंदे अब साथ मेरे अपने हैं यह बीफ करने आए पांच बछडे हैं कृष्णा है मित करो जनहित आता नही वापस जो जाता है मिट करो सीन चेंज डेड बॉडी करो लिट तुम करते रहो डिस देता जौंगा मैं हिट दुनिया यह उसे याद रखे जो बुनियाद रखे मरने के ही बाद सबके गुण याद रखे सख़्त लौंडे किस बात की अकड़ है तुझे फुंसी बने नूनिया तो शून्या याद रखे मैं हूँ शून्या पे सॉवॅर ज़ाकिर ख़ान जैसे पत्थर दिल की दीवारों पे कान जैसे नरम दिल फेंके खून मेरे बॉडी में गरम कलंकार भी मरेगा आर्टीस्टान जैसे जितना आग से खेलोगे फैलेगी बाकी सब समझदार हैं मैं बोल चुका पहले भी तुम पांच हो तो दस बार मारूँगा अददात बना लो तुम सहने की नाम का वो परिवार जो खानदान पे पहुँचे लगवनूंगा जीभ से पोच्चे फुंसी पे चढ़ता नही कॉनडॉम ओये छोटे अभी जाके तलवों पे चढ़ा लो मोज़े आइवेइं मैं ठस्से में भसडे नही करता भसडे तो कुचलू मैं मसले नई करता नास्तिक माइन वस्टैक में मुहफ़ाद कलाकार मेरा गीता क़ुरानें नही पढ़ता मोड़ के रखू जेब में इनकी हड्डियाँ फेलक्शिबले ज़लील आज करूँगा पर बेइज़्ज़ती कल कलंकार वेल चौड़े जिन फॅक्ट्स पे एक एक के मुँह में आ जाएँगे टेस्टिकल्स मैं तेरे पापा का सुदामा आके पैर धो खून करूँ सॉफ मैं हिजमा यू आर फेर ब्रो गोरा चितता लौंडा है तू पिंक कलर का मेरा टोपा भी सेम तो सेम ब्रो हाय फाईव तेरी मार ली गयी है सला बाप को दे वो भी मार्ली नही है बार्स से तू बार्बी हार गयी फोटो पे तेरे हार भी टोपी खुद नही उतरी वो उतरी पड़ी है इक च्चिनाल थी शकल लेके मिस्टर कौल की बोलो हाथी घोड़ा पालकी जाई हो गौरव पाल की इक च्चिनाल थी शकल लेके मिस्टर कौल की बोलो हाथी घोड़ा पालकी जाई हो गौरव पाल की हारे कृष्णा हारेगा रा अर्रे भाई भाई भाई यह क्या हुआ हारे कृष्णा हारेगा रा अर्रे भाई भाई भाई यह क्या हुआ हारे कृष्णा स्ना हारेगा रा अर्रे भाई भाई भाई यह क्या हुआ हारे कृष्णा हारेगा रा उन्नीस बीस का फरक है फॅक्ट्स गिनौन रफ़्तार एमिवाय याद दिलौं परिवार यह गया था तब कहाँ चारों को हाईप मिल गयी हो तो सच में बताऊं भाई के साथ लगा ग़लत हुआ ज्यादा पर डिस करने का पहले था नही इरादा यह बात तो वो खुद ही संभाल लेंगे बोले मुहफ़ाद मेरे लिए कोई आवाज़ नही उठता मैने सोचा करियर गई भाड़ में इमेज की ऐसी तैसी देख लेंगे बाद में यून ही बात चली उनके घर पे मज़ाक में हाथ धो ले तू भी बहती गंगा में साथ में जिसके लिए लड़ा उसने फ नही दिया मैने व्हत्साप्प पे मसाज जब तक नही किया नाराज़गी थी कल आज दिल से अफ़सोस के मुहफ़ाद ने बंटाई को डिस क्यूँ किया ऐसे किसी को ना टोपी पहणौन चिंगारी मिले जहाँ आग लगाऊ फोकट की हाइप है यह बीफ का शगुन सब मुझे भी दो और बातें बनाओ फिर से अब थेआमएं यह बात रही हैंइन्हें लगे ट्रॅक पे आ रही पटरी है फिर से वही ग़लती ना हो जाए लेने से पहले ही पता इन्हें च्छतरी है मार के गीरौं लाइन है हर बार ही ब्रूटल है टूटन में बैठे तेरी प्लेट में जूतन है नाभि में पावं का अंगूठा फँसा दूँगा पुंछ मारा इस बार बेल्ट से उपर है बिलो थे बेल्ट मतलब पर्सनल हो जाना फ्री वर्स हो या गाना करूँ किल मैं रोज़ाना पांच लौंडे इकते यह फिल्म दोस्ताना देख के एक दूसरे के साथ ना सो जाना इनके बच्चों की लार लटक रही है बड़े बूढ़ों की हड्डी चटक रही है मैं बोल के मारूँगा छे च्चाक्के इनकी बोल डालने से फट रही है हर्जास सलूजा योउ अरे जस्ट आ लूज़र कर चुगली नशेडियों संग तू जा मेरी मर्द की छ्चाटी मैं बोलूं मुँह पे गिरहबान में झाँक मुझे पसंद नही छू छान साँपों को ढूढ़ पीला वो देंगे बदले में मूट गिलास में लस्सी के ख़ासनेगा ख़ास्सी से हाथी मेरे साथी इनकी तरह मैने तुझे कभी बँधा नही रस्सी से डिस हर्जास तुझ पे यह जाच रहा नही बॉडी बीस की अकल सोळाह सातारा की बिन पैंडे के लोटे बिन पैंडे के लोटे आबे मोटे थी अंकित की धमकी वो ख़तरा नही फूँकते तो सब हैं और फूँकना भी चाहिए नीच हरकतों पे तूखना भी चाहिए हर्जास ने मुझे डिस किया क्यूँ शायद मुझे इसका भी प्रूफ देना छाईए अंडरपरेससेर है खिलाड़ी कॅप्टनने है मारी उसने अपने ही प्लेयर को धमकी दे मारी योउ अरे डेड अगर मुहफ़ाद से दोस्ती रखेगा हॅशटेग फ़िक्शेदमतच है मेरी जीत की तैयारी मनभूधियों की ज्ञानी तू सॉफ्टी संधु गौरव बोले पीच्चे हो जाओ सारे पांडु सौ के बराबर अकेला हूँ मैं माँ की कोख से ही फैला मेरा ख़ौफ़ है गाउन अरे भाई भाई गाली नही खाने वाला हूँ डिज़र्विंग तो गाली भी जचती मुहावरा है एक हाथ से ताली नही बजती तुम ख़ाके प्लेट में च्छेद करके खुश मैं खाने पे ओँगा तो ताली नही बचती मैं तो भरा पड़ा हूँ बोलो खोखला कैसे दोगे कितनों को रॉकडा पैसे सच मेरे साथ जौन बौखला कैसे गला मेरा एक बोलो दोगला कैसे जीते जी दिलों में महाराज अमर मिले चाहे भंवर उठे धरती काँपे कबार हीले प्रजा के होते मुझको कहुफ़ नही किसी का नकार देना मेरी मौत की झूठी खबर मिले

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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