Mere Dil Se Aake Lipat Gayi
Asha Bhosle, Mohammed Rafi
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
ये हसी निगाह कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
अजी हा नज़र ने किया तो है
ये हसी गुनाह कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
ये नज़र की बिजलिया टूट के कही ले गयी हमे लूट के
ये नज़र की बिजलिया टूट के कही ले गयी हमे लूट के
करे क्या के अपनी खुशी से भी
हुए हम तबाह कभी कभी
अजी हा नज़र ने किया तो है
ये हसी गुनाह कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
तू है सामने तो करार है तेरी बेरूख़ी से भी प्यार है
तू है सामने तो करार है तेरी बेरूख़ी से भी प्यार है
जब भी रूठ रूठ के रोक ले
तेरी हुमने चाहत कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
तुझे देख लू मै करीब से तुझे माँग लू मै नसीब से
तुझे देख लू मै करीब से तुझे माँग लू मै नसीब से
तेरी शोख जुल्फ के साए मे जो मिले पनाह कभी कभी
अजी हा नज़र ने किया तो है ये हसी गुनाह कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी ये हसी निगाह कभी कभी
मेरे दिल से आ के लिपट गयी
Written by: Madan Mohan, Raja Mehdi Ali KhanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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