Raat Bhar

मीयांग चांग

रात भर हिज्र में क्या क्या हुआ क्या ना हुआ रात भर हिज्र में क्या क्या हुआ क्या ना हुआ सुबह तक बेड में साँस थामे हुए अपने इनबॉक्स का चेहरा तकता रहा रात भर एक ही मैल आने की उम्मीद में जुगनुओं की तरह जलता बुझता रहा रात भर रात भर हिज्र में क्या क्या हुआ क्या ना हुआ लिख लिख के text delete क्र दिए अनजाने tweet retweet क्र दिए दुश्मनो की post दिल से की पसंद अपने नाम से तुझे पुकारते रहे रात भर हिज्र में रात भर क्या क्या हुआ क्या ना हुआ दिल हे बेतुका हे गुस्ताख़ भी जो न मिल सके बस मांगता वही जो भी पास हे वो कम पसंद हे दिल में जिसके वास्ते जिए मरे उसी पे रात भर हिज्र में बेतरह दिल क्या करे क्या न करे

Written by: Vishal BhardwajLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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