Ek Ladki Bheegi Bhagi Si

मन तनेजा, Kishore Kumar

दिल ही दिल में जली जाती है बिगड़ी-बिगड़ी चली आती है बिगड़ी-बिगड़ी चली आती है दिल ही दिल में जली जाती है बिगड़ी-बिगड़ी चली आती झूँझलाती हुई, बलखाती हुई सावन की सूनी रात में दोनों अजनबी से कोई आगे ना पीछे, तुम ही कहो ये कोई बात है एक लड़की भीगी भागी सी सोती रातों में जागी सी मिली एक अजनबी से कोई आगे ना पीछे, तुम ही कहो ये कोई बात है एक लड़की भीगी भागी सी सोती रातों में जागी सी मिली एक अजनबी से कोई आगे ना पीछे, तुम ही कहो ये कोई बात है एक लड़की भीगी भागी सी सोती रातों में जागी सी मिली एक अजनबी से कोई आगे ना पीछे, तुम ही कहो ये कोई बात है

Written by: A, MAJROOH SULTANPURI, N, S D Burman, S. D. BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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