Pichhli Raat Mere Angan Mein

Manhar Udhas

सहमा सहमा था एक साया महकी महकी सी एक चाहा पिछली रात मेरे आँगन में आ पोचे वो अपने आप पिछली रात मेरे आँगन में आ पोचे वो अपने आप पिछली रात ज़िकरा करे वो और किसी का बीच में आए मेरा नाम ज़िकरा करे वो और किसी का बीच में आए मेरा नाम इन के होतो पर हैं अब तक मेरा प्यार की गहरी छाँव पिछली रात मेरे आँगन में आ पोचे वो अपने आप पिछली रात आँधियारों की दीवारो को फाँद के चाँद कहाँ पहुंचा आँधियारों की दीवारो को फाँद के चाँद कहाँ पहुंचा जहाँ पिया का आना मुश्किल और पालक जपका ना पाओ पिछली रात मेरे आँगन में आ पोचे वो अपने आप पिछली रात

Written by: ARJAN DASWANI, QATEEL SHIFAILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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