Apne Hathon Ki Lakiron Mein

Manhar Udhas

अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझको अपने हाथों की मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन मैं हूँ गर फूल जुड़े में सज़ा ले मुझको अपने हाथों की मैं खुले दर के किसी घर का हूँ समान प्यारे मैं खुले दर के किसी घर का हूँ समान प्यारे टूटा बेफां कभी आके चुरा ले मुझको अपने हाथों की तूने देखा नही आईने से आयेज कुच्छ भी तूने देखा नही आईने से आयेज कुच्छ भी खुद पराष्टी में कहीं तू ना गवाले मुझको अपने हाथों की करके उलफत की कसम भी कोइ होती हैं कसम करके उलफत की कसम भी कोइ होती हैं कसम तू कभी याद तो कर भूलने वेल मुझको अपने हाथों की लकीरों में सज़ा ले मुझको मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझको अपने हाथों की

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