So Gaya Sara Zamana Nind Kyu Aati Nahi

Lata Mangeshkar

सो गया सारा ज़माना नींद क्यों आती नहीं सो गया सारा ज़माना नींद क्यों आती नहीं ए हवा जाकर उसे तू पास क्यों बुलाती नहीं सो गया सारा ज़माना नींद क्यों आती नहीं सो गया चाँद पहले भी निकलता था मगर ऐसा न था चाँद पहले भी निकलता था मगर ऐसा न था आज ऐसी बात क्यों है कुछ समझ आती नहीं सो गया सारा जमाना नींद क्यों आती नहीं सो गया चाँदनी कुछ चाँद से कहके जमीं पर आ गयी चाँदनी कुछ चाँद से कहके जमीं पर आ गयी जाने क्या देखा यहाँ अब लौट कर जाती नहीं सो गया सारा ज़माना नींद क्यों आती नहीं ए हवा जाकर उसे तू पास क्यों बुलाती नहीं सो गया सारा ज़माना नींद क्यों आती नहीं सो गया

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