Bhor Hote Kaga
Lata Mangeshkar
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम ओये
उठके सवेरे मै तो अँगना बुहारूँ
फिर पनिया भरुँ हाय राम जी
मुझको क्या आये कोई चाहे ना आये
कागा मैं क्या करूं हाय राम जी
हाँ हाँ हाँ तुझे और कही कोई काम नहीं
बस आँख खुली पंहुचा मेरे धाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम ओये ओये
चल कांग ना खा
जुल्मी सताए काहे उड़ जा रे उड़ जा हाये
पीछा तो छोड मेरे राम जी
बाबू जो आया मेरे दोनों
ये पंख तेरे दूँगी मरोड़ सच मेरे राम जी
हाय हाय यही पास मेरे बैठा शोर करे
बतलाये नहीं उसका कोई नाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम
भोर होते कागा पुकारे काहे राम
कौन परदेसी आयेगा मेरे धाम ओये ओये
Written by: Madan Mohan, Majrooh SultanpuriLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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