Mele Hain Chiraghon Ki

Lata Mangeshkar

मेले हैं चिराग़ों के रंगीन दीवाली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है मेले हैं चिराग़ों के रंगीन दीवाली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है इस रात कोई देखे धरती के नज़ारों को शरमाते हैं ये दीपक आकाश के तारों को इस रात कोई देखे धरती के नज़ारों को शरमाते हैं ये दीपक आकाश के तारों को इस रात का क्या कहना इस रात का क्या कहना ये रात निराली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है मेले हैं चिराग़ों के रंगीन दीवाली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है खा जाए नज़र धोका जुगनू हैं या फुलझड़ियाँ खा जाए नज़र धोका जुगनू हैं या फुलझड़ियाँ बरात है तारों की या रंग भरी लड़ियाँ बरात है तारों की या रंग भरी लड़ियाँ होंठों पे तराने हैं होंठों पे तराने हैं बजाती हुई ताली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है मेले हैं चिराग़ों के रंगीन दीवाली है महका हुआ गुलशन है हँसता हुआ मालि है.

Written by: RAJINDER KRISHAN, RAVI SHANKARLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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