Hamne Sanam Ko Khat Likha

Lata Mangeshkar

हो ओ हमें बस ये पता है वो बहुत ही ख़ूबसूरत है लिफ़ाफ़े के लिये लेकिन पते की भी ज़रूरत है हमने सनम को ख़त लिखा हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा दिल की गली शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा पहुँचे ये ख़त जाने कहाँ जाने बने क्या दास्ताँ पहुँचे ये ख़त जाने कहाँ जाने बने क्या दास्ताँ उस पर रक़ीबों का ये डर लग जाये उनके हाथ गर कितना बुरा अंजाम हो दिल मुफ़्त में बदनाम हो ऐसा न हो ऐसा न हो अपने खुदा से रात दिन माँगा किये हम ये दुआ हमने सनम को हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा दिल की गली शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा पीपल का ये पत्ता नहीं काग़ज़ का ये टुकड़ा नहीं पीपल का ये पत्ता नहीं काग़ज़ का ये टुकड़ा नहीं इस दिल का ये अरमान है इसमें हमारी जान है ऐसा ग़ज़ब हो जाये ना रस्ते में ये खो जाये ना हमने बड़ी ताक़ीद की डाला इसे जब डाक में ये डाक बाबू से कहा हमने सनम को हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा दिल की गली शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा ख़त में लिखा बरसों जवाब-ए-यार का देखा किये हम रास्ता आ आ आ बरसों जवाब-ए-यार का देखा किये हम रास्ता इक दिन वो ख़त वापस मिला और डाकिये ने ये कहा इस डाक खाने में नहीं सारे ज़माने में नहीं कोई सनम इस नाम का कोई गली इस नाम की कोई शहर इस नाम का हमने सनम को हमने सनम को ला ला ला ला ला ला ला ह्म ह्म ह्म ह्म

Written by: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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