Main Kesar Kasturi
कृष्ण केल
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
कहा कहा से आ जाते है
रात के रही रंग ज़माने
जीते जिनकी भूल की ठोकर
रोज़ की ताज़ा ठोकर खाने
कुछ जाने कुछ पहचाने
और कुछ इन में अंजाने
कुछ जाने कुछ पहचाने
और कुछ इन में अंजाने
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
आँख में झूठी रंगिनी है
जीवन सबका फीका फीका
हर माथे पर लगा हुया है
गम के चंदन का एक टीका
अपना अपना दर्द च्छुपाए
चलते फिरते यह साए
अपना अपना दर्द च्छुपाए
चलते फिरते यह साए
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
कदम कदम पर जिनके ऐसे
मायूसी के लगे है पहरे
हाथ मे लेकर वो पैमाने
देख रहे है ख्वाब सुनहरे
पागल मान को यू बहलाए
कदम कदम पर धोखा खाए
पागल मान को यू बहलाए
कदम कदम पर धोखा खाए
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
मेरी सूरत के दीवानो
मेरी रंगत पर ना जाओ
मेरी खुसबु को पहचानो
मैं केसर कस्तूरी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now