Naam Mera Premkali
कविता कृष्णमूर्ति
नाम मेरा प्रेमकली प्रेमकली गर के चली
रास्ते में उसकी की गली उसकी की गली प्रेम गली
उसने मेरा नाम लिया मैंने जिया थाम लिया
उसने मेरा नाम लिया मैंने जिया थाम लिया
उसने मुझे छेड़ दिया मैंने मुँह फेर लिया
करती मैं क्या करती रास्ते में वह खड़ा था(हे हे)
तब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
रस्ते में वह खड़ा था(हे हे)
तब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
जोश बड़ा उसको चढ़ा था
रास्ते में वह खड़ा था तब से मेरे पीछे पड़ा था
रास्ते में वह खड़ा था तब से मेरे पीछे पड़ा था
बिच डगर मेल हुआ
और शुरू खेल हुआ
बिच डगर मेल हुआ और शुरू खेल हुआ
नैनो से नैन लड़े रस्ते में लोग खड़े
दिल धक् से डोल गया
क्या कुछ वह बोल गया
खतरा मैं भांप गयी धरती से काँप गयी
खतरा मैं भांप गयी धरती से काँप गयी
करती मैं क्या करती वह अपनी ज़िद पे अड़ा था(हे हे)
कब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
वह अपनी ज़िद पे अड़ा था(हे हे)
कब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
रास्ते में वह खड़ा था तब से मेरे पीछे पड़ा था
हुस्न के ये कितने जतन
मैंने चुरा लिया बदन
हुस्न के ये कितने जतन
मैंने चुरा लिया बदन
हट परे अरे हट परे
मैंने कहा देख इधर उसने कहा
खाली नहीं आया हूँ मैं
देख अगुठी लाया हूँ मैं
खाली नहीं आया हूँ मैं
अगुठी लाया हूँ मैं
वैसे मैं तो ना लेती अगुठी फेक देती
पर उसमे हीरा जड़ा था(हे हे)
कब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
पर उसमे हीरा जड़ा था(हे हे)
कब से मेरे पीछे पड़ा था(हे हे हे)
अरे रस्ते में वह खड़ा था
तब से मेरे पीछे पड़ा था
जोश बड़ा उसको चढ़ा था
रस्ते में वह खड़ा था
तब से मेरे पीछे पड़ा था
रस्ते में वह खड़ा था (हे हे)
तब से मेरे पीछे पड़ा था.
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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