Main To Sej Saja Kar

कविता कृष्णमूर्ति

आ आ आ आ आ आ मैं तो सेज सज़ा कर बैठी सारी रात तेरी राह देखि तेरी याद ने इतना सताया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे हो मैं तो सेज सज़ा कर बैठी सारी रात तेरी राह देखि मैं तो सेज सज़ा कर बैठी सारी रात तेरी राह देखि तेरी याद ने इतना सताया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे रात बोली मुझे ना हैं ढ़लना अभी दिन ये बोला मुझे ना निकल न अभी हो रात बोली मुझे ना हैं ढ़लना अभी दिन ये बोला मुझे ना निकल न अभी रात बोली मुझे ना हैं ढ़लना अभी दिन ये बोला मुझे ना निकल न अभी रात बोली मुझे ना हैं ढ़लना अभी दिन ये बोला मुझे नहीं निकल न अभी बड़े दगाबाज हो तुम पे ऐतबार किया तेरे इंतज़ार ने जवानी में मार दिया यूँही सेज को मैंने सजाया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे जो खरीदी गयी वो मोहब्बत हूँ मैं जो न समझी गयी ऐसी औरत हूँ मैं जो खरीदी गयी वो मोहब्बत हूँ मैं जो न समझी गयी ऐसी औरत हूँ मैं जो खरीदी गयी वो मोहब्बत हूँ मैं जो न समझी गयी ऐसी औरत हूँ मैं लबों पे मेरे नहीं शिकवे गिले सनम बहुमतो की हार ही मुझि को मिली सनम दुनिया ने बड़ा रुलाये रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे हो मैं तो सेज सज़ा कर बैठी सारी रात तेरी राह देखि तेरी याद ने इतना सताया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे बलम तू न आया रे

Written by: Nadeem-Shravan, Surendra SaathiLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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