Jhir Mir Jhir Mir Megha Barse
कविता कृष्णमूर्ति
झिरमिर झिरमिर झिरमिर मेघा बरसे
झिरमिर झिरमिर झिरमिर मेघा बरसे
मिलने को मैं तरसे हो
मिलने को मैं तरसे
तू आजा साजन तू आजा साजन
तू आजा साजन तू आजा साजन
सावन की ये ठंडी पुहरे
साजन तेरी बात निहारे
सावन की ये ठंडी पुहरे
साजन तेरी बात निहारे
अब अकेला सावन प्यासा बीते
अब अकेला सावन प्यासा बीते
कई सवां तेरे बीन है गुजरे
बिन तेरे मेरी यह अखिया बरसे
बिन तेरे मेरी यह अखिया बरसे
मिलने को मैं तरसे हो
मिलने को मैं तरसे
तू आजा साजन तू आजा साजन
तू आजा साजन तू आजा साजन
काली गतये गीर गीर ायी
कैसे सहु मैं तेरी जुदाई
काली गतये गीर गीर ायी
कैसे सहु मैं तेरी जुदाई
अब तो आजा हमदम मेरे
अब तो आजा हमदम मेरे
देख सुहानी रुत है आई
तड़पुं मैं चहत के
मीठी चुभन से
तड़पुं मैं चहत के
मीठी चुभन से
मिलने को मैं तरसे हो
मिलने को मैं तरसे
तू आजा साजन तू आजा साजन
तू आजा साजन तू आजा साजन
तेरी दुल्हन मां बन जाओ
तुझको अपने करवा लागौ
तेरी दुल्हन मैं बन जाऊं
तुझको अपने करवा लागौ
मांग सजा दे मेरी सजना
मांग सजा दे मेरी सजना
तू मेरा मैं तेरी हो जाओ
आजा तुझको देखूँ
मैं जी भर के
आजा तुझको देखूँ
मैं जी भर के
मिलने को मैं तरसे हो
मिलने को मैं तरसे
तू आजा साजन तू आजा साजन
तू आजा साजन तू आजा साजन
झिरमिर झिरमिर झिरमिर मेघा बरसे
झिरमिर झिरमिर झिरमिर मेघा बरसे
मिलने को मैं तरसे हो
मिलने को मैं तरसे
तू आजा साजन तू आजा साजन
तू आजा साजन तू आजा साजन
Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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