Rab Ne Pucha Mujhe

Jaspinder Narula

रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए जो खिली हैं कहीं चारो मौसम में भी प्यार से भी च्चालकता हुआ चाहिए जो खिली हैं कहीं चारो मौसम में भी प्यार से भी च्चालकता हुआ चाहिए रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए ऐसा दिल जो किसी से डरे ही नहीं बस वो रील से डरे या किसी से नहीं ऐसा दिल जो किसी से डरे ही नहीं बस वो रील से डरे या किसी से नहीं प्यार से ही झुके या झुके ही नहीं प्यार से ही झुके या झुके ही नहीं ऐसा मस्ती बहरा दिल मुझे चाहिए ऐसा मस्ती बहरा दिल मुझे चाहिए रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए धन या डुआलत नहीं ज़र या ज़ेवर नहीं क्या तुम्हे आस्मा या ज़मीन चाहिए धन या डुआलत नहीं ज़र या ज़ेवर नहीं क्या तुम्हे आस्मा या ज़मीन चाहिए उसने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए उसने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए ऐसा दिल जो कभी भी पासीजे नहीं दर्द भी दूसरों का जो समझे नहीं ऐसा दिल जो कभी भी पासीजे नहीं दर्द भी दूसरों का जो समझे नहीं ऐसी डुआलत ना दिल ही मुझे चाहिए ऐसी डुआलत ना दिल ही मुझे चाहिए ऐसी धरती नही आस्मा चाहिए ऐसी धरती नही आस्मा चाहिए जो खिली हैं कहीं चारो मौसम में भी प्यार से भी च्चालकता हुआ चाहिए जो खिली हैं कहीं चारो मौसम में भी प्यार से भी च्चालकता हुआ चाहिए रब ने पुचछा मुझे बोलो क्या चाहिए मैने माँगा मेरा दिल मुझे चाहिए.

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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