Yaad Nahin Kya Kya Dekha Tha

Jagjit Singh

याद नहीं याद नही याद नहीं क्या क्या देखा था याद नहीं क्या क्या देखा था सारे मंजर भूल गए याद नहीं क्या क्या देखा था सारे मंजर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए याद नहीं याद नही खूब गए परदेश के अपने दीवारों दर भूल गए खूब गए परदेश के अपने दीवारों दर भूल गए शीश महल ने ऐसा घेरा मिट्टी के घर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए याद नहीं याद नही तुझको भी जब अपनी कसमे अपने वादे याद नहीं तुझको भी जब अपनी कसमे अपने वादे याद नहीं हम भी अपने ख्वाब तेरी आँखों में रख कर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए याद नहीं याद नही मुझको जिन्होंने क़त्ल किया है कोई उन्हें बतलाए नजीर मुझको जिन्होंने क़त्ल किया है कोई उन्हें बतलाए नजीर मेरी लाश के पहलु में वो अपना खंजर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए याद नहीं क्या क्या देखा था सारे मंजर भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए याद नहीं याद नही याद नहीं याद नही

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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