Tere Khat Nazm

Jagjit Singh

जिनको दुनिया की निगाहों से छुपाये रखा जिनको इक उम्र कलेजे से लगाये रखा दीन जिनको, जिन्हें ईमान बनाये रखा तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे कभी दिन में तो कभी रात को उठ कर लिखे तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त, मैं जलाता कैसे प्यार में डूबे हुये ख़त, मैं जलाता कैसे तेरे हाथों से लिखे ख़त, मैं जलाता कैसे तेरे ख़त आज मैं गंगा में बहा आया हूँ आग बहते हुये पानी में लगा आया हूँ

Written by: Jagjit Singh, Rajendranath RahbirLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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