Aap Bhi Aaiye
Jagjit Singh
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
दोस्ती जुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिये
दोस्ती जुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
ज़हर पी जाइये और बाँटिये अमृत सब को
ज़हर पी जाइये और बाँटिये अमृत सब को
ज़ख्म भी खाइये और गीत भी गाते रहिये
ज़ख्म भी खाइये और गीत भी गाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
वक़्त ने लूट लीं लोगों की तमन्नाएँ भी
वक़्त ने लूट लीं लोगों की तमन्नाएँ भी
ख़्वाब जो देखिये औरों को दिखाते रहिये
ख़्वाब जो देखिये औरों को दिखाते रहिये
दोस्ती जुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
शक्ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई
शक्ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई
कभी बन जाएगी तस्वीर बनाते रहिये
कभी बन जाएगी तस्वीर बनाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
दोस्ती जुर्म नहीं दोस्त बनाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
आप भी आइये हमको भी बुलाते रहिये
Written by: JAGJIT SINGH, JAVED AKHTARLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now