Na Shivale Na Kalisa Na Haram Jhoothe Hain
Jagjit Singh
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
बस यही सच है, के तुम झूठे हो हम झूठे हैं
बस यही सच है, के तुम झूठे हो हम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
हमने देखा ही नहीं, बोलते उनको अब तक
हमने देखा ही नहीं, बोलते उनको अब तक
कौन कहता है के पत्थर के सनम झूठे हैं
कौन कहता है के पत्थर के सनम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
उनसे मिलिये तो ख़ुशी होती है, उनसे मिलकर
उनसे मिलिये तो ख़ुशी होती है, उनसे मिलकर
शहर के दूसरे लोगों से जो कम झूठे हैं
शहर के दूसरे लोगों से जो कम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
बस यही सच है, के तुम झूठे हो हम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
कुछ तो है बात जो तहरीरों में तासीर नहीं
कुछ तो है बात जो तहरीरों में तासीर नहीं
झूठे फ़नकार नहीं हैं तो क़लम झूठे हैं
झूठे फ़नकार नहीं हैं तो क़लम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
बस यही सच है, के तुम झूठे हो हम झूठे हैं
ना शिवाले, न कलीसा, न हरम झूठे हैं
Written by: AYAZ JHANSVI, JAGJIT SINGHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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