O Ban Ke Azad Panchhi

Geeta Dutt

ओ बन के आज़ाद पंछी भुल जा भुल जा ओ बन के आज़ाद पंछी मधुबन में चाहकना भुल जा मधुबन में चाहकना भुल जा भुल जा कौन कसक जाने तेरे मन की पीर किस बंदी जीवन की पिंजरे में तू रहने पर भी पिंजरे में तू रहने पर भी पंखो का फड़कना भूल जा पंखो का फड़कना भूल जा भुल जा ओ बन के आज़ाद पंछी फूल पत के रंग भूल जा खिल उठाने के धग भूल जा लता कुंज की याद भूल कर लता कुंज की याद भूल कर डाली पे फुदकना भुल जा डाली पे फुदकना भूल जा भूल जा ओ बन के आज़ाद पंछी बैंड हुआ है तू पिंजरे में तडपा कर अब दिल ही दिल में चाहे जितना दर्द उठे चाहे जितना दर्द उठे पीडा से सिसकन भुल जा पीडा से सिसकन भुल जा भुल जा ओ बन के आज़ाद पंछी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store