GHUNGHAT KE PAT KHOL

Geeta Dutt

घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे घट घट मैं तोरे कई बसत है घट घट मैं तोरे कई बसत है कतहु बचन मत बोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे धन जोबन का गरब न कीजे धन जोबन का गरब न कीजे झूठा इनका मोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे जाग जातां से रंग महल में जाग जातां से रंग महल में पिया पायो अनमोल रे घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे सूने मंदिर सूने मन्दिर दिया जला के सूने मन्दिर दिया जला के आसन से मत डोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे घूँघट के पट खोल रे

Written by: C Rani Bulo, Meera BaiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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