आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
रात जलती हुई इक ऐसी चीता है जिस पर
रात जलती हुई इक ऐसी चीता है जिस पर
तेरी यादें हैं सुलगते हुए सॅंडल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
तू तो दरिया है मगर मेरी तरह प्यासा हैं
तू तो दरिया है मगर मेरी तरह प्यासा हैं
मैं तेरे पास चला अवँगा बादल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
मैं हूँ इक खाब मगर जागती आँखों का यमीर
मैं हूँ इक खाब मगर जागती आँखों का यमीर
आज के लोग गमतिनाम मुझे कल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
आज की रात
Written by: AMIR QAZALBASH, CHANDAN DASSLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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