Tum Saath Raho Jeevan Bhar

Binapani Mukherjee, चितलकर

आ आ हो हो हो हो तुम साथ रहो जीवन भर तो मैं प्रेम करू सुख पाऊ मैं प्रेम करू सुख पाऊ तुम साथ रहो जीवन भर तो मैं प्रेम करू सुख पाऊ मैं प्रेम करू सुख पाऊ जीवन है अनमोल कोयलिया बोल बसंत बुला दो कर के नया श्रीनगर जता कर प्यार मरे को जिला दो बस एक तुम्हारी बोली बस एक तुम्हारी बोली पर मैं सारा राज लुटाऊ मैं सारा राज लुटाऊ तुम साथ रहो जीवन भर तो मैं प्रेम करू सुख पाऊ मैं प्रेम करू सुख पाऊ क्या जाने ये राज मिला जो आज रहे या जाए फिर ना कही इस बार किसी का प्यार भिखारी बनाए रोती ही रहे दुख पाके रोती ही रहे दुख पाके अब मैं सुख पाके घबराऊ मैं सुख पाके घबराऊ तुम साथ रहो जीवन भर तो मैं प्रेम करू सुख पाऊ मैं प्रेम करू सुख पाऊ उनसे बढ़ा कर मेल प्रेम का खेल किया था मियने और कहीं मैं गाओ जोड़ के गाओ चली दुख पाने मैं कब से प्रेम के फुलो मैं कब से प्रेम के फुलो मे आँधियरे से दर जाऊ मैं सुख पाके घबराऊ तुम साथ रहो जीवन भर तो मैं प्रेम करू सुख पाऊ मैं प्रेम करू सुख पाऊ

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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