Idhar Ka Maal Udhar
भूपिंदर सिंह
इधर का माल उधर का माल
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
अरे हम सब जाने हम सब जाने
अरे हम सब जाने किधर किधर कितना गफला हो जाता है
इधर का माल उधर का माल
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
आए कितना धनदा क़ानूनी है कितना धनदा चोरी का
अरे कितना धनदा क़ानूनी है कितना धनदा चोरी का
सागर सागर फैला है जा सुनहेरी डॉली का
अरे माल पकड़ कर कोई कोई, अरे माल पकड़ कर कोई कोई
कितना माल बनता है
हम सब जाने हम सब जाने
हम सब जाने हम सब जाने
अरे हम सब जाने हम सब जाने
हम सब जाने किधर किधर कितना गफला हो जाता है
इधर का माल उधर का माल
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
ऐ रु रु रु रु तू रु रु रु
अरेचोरो से कुटवाल मिले तो फिर चोरी कब रुकती है
अरे चोरो से कुटवाल मिले तो फिर चोरी कब रुकती है
मजदूरोसे आँख मिलके आँख सभीकी झुकती है
कस्टम से नेताओ के घर तक
कस्टम से नेताओ के घर तक किसका किससे नाता है
हम सब जाने हम सब जाने
हम सब जाने हम सब जाने
अरे हम सब जाने हम सब जाने
हम सब जाने किधर किधर कितना गफला हो जाता है
इधर का माल उधर का माल
इधर का माल उधर जाता है उधर का माल इधर आता है
Written by: R. D. BURMAN, SAHIRLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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