Dil Kisi Se
Arjun Kanungo, Sanjay S Yadav
क्या गुज़री है दिल पे मेरे
तुझे क्या पता
तुझे चाहने की हमको
मिली यूँ सज़ा
फिर जुड़ ना पाएगा
दिल अब ये मेरा
इतने टुकड़ों में टूटा
ना मिले तू ऐसी कोई भी
जगह है ही नहीं
दिल किसी से क्या लगाए
दूसरा है ही नहीं
चाँद लेके चल रहे हैं
हम सजाए तो कहाँ
जब नसीबों में हमारे
आसमां है ही नहीं
दिल किसी से क्या लगाए
अब तो दिल है ही नहीं
तुझे ढूंढती है सारी
शामें आज भी हमारी
फिर भी तेरी इन्तेज़ारी
ख़तम ना हुयी
राहें देखता रहा मैं
यही सोचता रहा मैं
होगी आरज़ू ये पूरी
कभी ना कभी
ऐसा नहीं है के
कोई मिला नहीं
जिसमे तू ना हो
ऐसा एक भी था नहीं
क्या ऐसा माँगा था
जो पा ही ना सका
दिल से तुझको चाहा था
जिसको तू ले गया
वो दिल था मेरा
अब किसे मैं चाहूँगा
ना मिले तू ऐसी कोई भी
जगह है ही नहीं
दिल किसी से क्या लगाए
दूसरा है ही नहीं
मेरी आँखों में तुम्हारा
ही तसव्वुर रह गया
जिसमे आऊं में नज़र
वो आइना है ही नहीं
दिल किसी से क्या लगाए
दिल किसी से क्या लगाए
दूसरा है ही नहीं
दिल किसी से क्या लगाए
दूसरा है ही नहीं
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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