Jai Kaali Mata
अनुराधा पौडवाल
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
तेरे भक्त जनों पे माता भीड़ पड़ी है भारी
भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी
करके सिंह सवारी
तेरे भक्त जनों पे माता भीड़ पड़ी है भारी
भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी
करके सिंह सवारी
सौ सौ सिहों से भी बलशाली
है दस भुजाओं वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता
माता सुनी कुमाता
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
बड़ा ही निर्मल नाता
पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता
माता सुनी कुमाता
सब पे करुणा दर्शाने वाली
अमृत बरसाने वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना
ना चांदी ना सोना
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना
एक छोटा सा कोना
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना
ना चांदी ना सोना
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना
एक छोटा सा कोना
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
लाज बचाने वाली
सतियों के सत को संवारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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