Rim Jhim Gire Saawan

Anoop Sankar, Ramu Raj

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे अरमाँ हमारे पलके न मूंदे कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन महफ़िल में कैसे कह दें किसी से दिल बंध रहा है किसी अजनबी से महफ़िल में कैसे कह दें किसी से दिल बंध रहा है किसी अजनबी से हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store