Aapki Mehki Huyi Zulf Ko
Lata Mangeshkar, येशुदास
आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा
आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा
आपकी मदभरी आँखों को कँवल कहते हैं
आपकी मदभरी आँखों को कँवल कहते हैं
मैं तो कुछ भी नहीं तुमको हसीं लगती हूँ
इसको चाहत भरी नज़रों का अमल कहते हैं
इसको चाहत भरी नज़रों का अमल कहते हैं
एक हम ही नहीं एक हम ही नहीं सब देखनेवाले तुमको
संगे मरमर पे संगे मरमर पे लिखी शोख ग़ज़ल कहते है
संगे मरमर पे लिखी शोख ग़ज़ल कहते है
ऐसी बातें ना करो ऐसी बातें ना करो जिनका यर्की मुश्किल हो
ऐसी तारीफ़ को ऐसी तारीफ़ को नियत का ख़लल कहते हैं
ऐसी तारीफ़ को नियत का ख़लल कहते हैं
आपकी मदभरी आँखों को कँवल कहते हैं
इसको चाहत भरी नज़रों का अमल कहते हैं
मेरी तक़दीर के तुमने मुझे अपना समझा
मेरी तक़दीर के तुमने मुझे अपना समझा
इसको सदियोंकी इसको सदियोंकी
तमन्नाओं का फ़ल कहते हैं
इसको सदियोंकी
तमन्नाओं का फ़ल कहते हैं
इसको सदियोंकी
तमन्नाओं का फ़ल कहते हैं
Written by: Khaiyyaam, LUDHIANVI SAHIR, N/A KHAIYYAAM, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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