मखतूल ज़िगर या बाबा
क़ातिल है नज़र या बाबा
इक महजबीं या बाबा
इक नूरेंनबिं या बाबा
रब की रुबाई या बाबा
या है तबाही या बाबा
गर्दन सुराही या बाबा
बोली इलाही या बाबा
अफ़गान जलेबी माशूक फ़रेबी
घायल है तेरा दीवाना भाई वाह भाई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह
भाई वाह भाई वाह भाई
देख दराजी बंदा नमाज़ी
खेल के बाज़ी खामखा
अब ठहरा ना किसी काम का
मीर का कोई शेर सुना के (शेर सुना के)
घूँट लगा के जाम का
मेरा खान महज़ नाम का
ये लख्तेजिगर ओ नूरनज़र
एक तीर है तू बे चाक ज़िगर
बन्दों से नहीं नहीं तो अल्लाह से डरेगी
वादा तो कभी निभाना भाई वाह भाई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह भाई वाह भाई
ख्वाज़ाजी की पास तेरी चुगली करूँगा
मैं तेरी चुगली करुँगी
मैं तेरी चुगली करुँगी
अंगूठी में क़ैद तेरी उंगली करूँगा
मैं तेरी चुगली करूँगा
मैं तेरी चुगली करूँगा
गुले ग़ुलजार मेरे सरकार
बड़े मंशूर तेरे रुखसार
हाय शमशीर निगाहें
चाबूक सी अदाएं
नाचीज़ पे ना चलाना भाई वाह भाई वाह
बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी
चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह भाई वाह भाई
Written by: AMITABH BHATTACHARYA, PRITAM CHAKRABORTYLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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