Pehli Baar
Vishal Bhardwaj
थोड़े भीगे भीगे से थोड़े नाम है हम
कल से सोए वोए भी तो कम है हम
थोड़े भीगे भीगे से थोड़े नाम है हम
कल से सोए वोए भी तो कम है हम.
दिल ने कैसी हरकत की है
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
आँखें डूबी डूबी सी सूरमाई मधाम
झीलें पानी पानी है बॅस तुम और हम
ह्म बात बड़ी हैरत की है
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
ह्म खवाब के भोज से, कपकपटि हुई
हल्की पलकें तेरी याद आता है सब
तुझे गुदगुदाना सतना यूही सोते हुए
गाल पे टीपना मीचना बेवजह बेसबब.
याद है पीपल के जिसके घने साए थे
हम ने गिलेहरी झूठे मॅटर खाए थे
यह बरक़त उन्न हज़रत की है.
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
पहली बार मोहब्बत की है
आख़िरी बार मोहब्बत की है
हूओ.हूऊ हूऊ
Written by: GULZAR, VISHAL BHARDWAJLyrics © O/B/O CAPASSOLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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