Kaho Kaise Rahi
Asha Bhosle, उषा मंगेशकर
ह्म्म्म कहो कैसी रही
अजी अच्छी रही
थोड़ा झूठ तो अकल का एक मोती हैं
इसे बोलने से ज़्यादा नुकसान नही होता
ह्म्म्म बस एक तोड़ा सा उफ़
थोड़ी सी आ होती हैं
और थोड़ी दिल मे धुक धुक
थोड़ी रुक रुक होती हैं
थोड़ा झूठ तो अकल का एक मोती हैं(थोड़ा झूठ तो अकल का एक मोती हैं)
बस एक तोड़ा सा उफ़
थोड़ी सी आ होती हैं
और थोड़ी दिल मे धुक धुक
थोड़ी रुक रुक होती हैं
मन की पसंद बड़ी पसंद
सबकी पसंद को क्या करे
दिल मे जब दर्द हो
दिल की फिकर क्यू ना करे
बात ना बनाते बाजी हार जाते
सच की भी हद होती हैं
हा हा सच की भी हद होती हैं
अरे दुनिया फालतू मे रोती हैं यार
ह्म्म्म बस एक तोड़ा सा उफ़
थोड़ी सी आ होती हैं
और थोड़ी दिल मे धुक धुक
थोड़ी रुक रुक होती हैं
थोड़ा झूठ तो अकल का एक मोती हैं(थोड़ा झूठ तो अकल का एक मोती हैं)
ल्ला ल्ला ल्ल ला ल्ल्ल
अच्छा दीदी अब Chinese खाने के निकालो पैसे
पैसे, पैसे कैसे, कैसे पैसे
मैं बताती हू कैसे
ना ना ना ऐसे कैसे
दूर खड़ी रह वैसे
छोड़ो ना दीदी ऐसे वैसे
निकालो ना Chinese खाने के पैसे
कायल हम हो गये शतरंज वाली चाल के
सच का sweater बुन लिया झूठ के फंदे डाल के
काम नही होता तो दिल रोता
जो बिरहन रोती हैं
हा हा जो बिरहन रोती हैं
खाली पीली आँसुओ से अपना मुखड़ा धोती हैं
ह्म्म्म बस एक तोड़ा सा उफ़
थोड़ी सी आ होती हैं
और थोड़ी दिल मे धुक धुक
थोड़ी रुक रुक होती हैं
ल्ला ल्ला ल्ल ला ल्ल्ल
ल्ला ल्ला ल्ल ला ल्ल्ल
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा ला ला ला हा हा हा हा हा हा
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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