Phir Wohi Shaam Wohi Gham

तालात महमूद

फिर वोही शाम वही ग़म वही तनहाई है दिल को समझाने तेरी याद चली आई है फिर वोही शाम वही ग़म वही तनहाई है दिल को समझाने तेरी याद चली आई है फिर वोही शाम फिर तसव्वुर तेरे पहलू में बिठा जाएगा फिर तसव्वुर तेरे पहलू में बिठा जाएगा फिर गया वक़्त घड़ी भर को पलट आएगा दिल बहल जाएगा आखिर ये तो सौदाई है फिर वोही शाम वही ग़म वही तनहाई है दिल को समझाने तेरी याद चली आई है फिर वोही शाम जाने अब तुझ से मुलाक़ात कभी हो के न हो जाने अब तुझ से मुलाक़ात कभी हो के न हो जो अधूरी रहे वो बात कभी हो के न हो मेरी मंज़िल तेरी मंज़िल से बिछड़ आई है फिर वोही शाम वही ग़म वही तनहाई है दिल को समझाने तेरी याद चली आई है फिर वोही शाम

Written by: MADAN MOHAN, RAJINDER KRISHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs