Mit Nahi Sakta Kabhi Likha Hua Taqdir Ka

Talat Mahmood

मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का बस नही चलता यहा इंसान की तदबीर का मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का कोन है जिस पर कभी काली घटा छाई नही कोन है जिस पर कभी काली घटा छाई नही राम ओर घनश्याम पर भी क्या विपत आई नही राम ओर घनश्याम पर भी क्या विपत आई नही याद है बन बन भटकना जानकी रघुवीर का मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का सुख कभी ओर दुख कभी सुख कभी ओर दुख कभी संसार की ये रीत है संसार की ये रीत है आज जिसकी हार है तो कल उसी की जीत है धूप छाव की रंग है संसार की तस्वीर का मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का बस नही चलता यहा इंसान की तदबीर का मिट नही सकता कभी लिखा हुआ तकदीर का

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