Kya Karoon Seene Mein

तालात महमूद

क्या करूँ क्या करूँ क्या करूँ सिने में हुक उठहति है घभरता है दिल क्या करूँ क्या करूँ सिने में हुक उठती है घभराता है दिल लाख बहलाता हूँ बहलाया नहीं जाता है दिल क्या करूँ किन अंधेरे में हो तुम इस राज़ से हो बेख़बर रोशनी होती है जब नज़रों से मिलती है नज़र नज़रों से मिलती है नज़र आग लग उठती है जिस दम दिल से टकराता है दिल लाख बहलाता हूँ बहलाया नहीं जाता है दिल क्या करूँ हाय इक दिल की बदौलत लूट गयी दुनिया तमाम इस तबाही में तुम्हारा किस लिए आता है नाम किस लिए आता है नाम दिल को तड़पाते हो तुम और मुझको तड़पाता है दिल लाख बहलाता हूँ बहलाया नहीं जाता है दिल क्या करूँ क्या करूँ सिने में हुक उतही है घभरता है दिल क्या करूँ

Written by: J Nakshab, ShivramLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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