कर हर मैदान फ़तेह
Sukhwinder Singh, Shreya Ghoshal
पिघला दे जंजीरें
बना उनकी शमशीरें
कर हर मैदान फ़तेह ओ बंदेया
कर हर मैदान फ़तेह
ओ घायल परिंदा है तू
दिखला दे जिंदा है तू ओ
बाक़ी है तुझमें हौसला हा ओ
तेरे जूनून के आगे ओ
अंबर पनाहे मांगे ओ
कर डाले तू जो फैसला
रूठी तकदीरें तो क्या
टूटी शमशीरो तो क्या
टूटी शमशीरो से ही हो ओ ओ
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
इन गर्दिशों के बादलों पे चढ़के
वक़्त का गिरेबान पकड़के
पूछना है जीत का पता
जीत का पता
इन मुठियों में चाँद तारे भर के
आसमां की हद से गुज़र के
हो जा तू भीड़ से जुदा
भीड़ से जुदा भीड़ से जुदा
कहने को जर्रर्रा है तू
लोहा का छर्रा है तू
टूटी शमशीरों से ही हो हो ओ ओ
कर हर मैदान फ़तेह (कर हर मैदान फ़तेह)
कर हर मैदान फ़तेह (कर हर मैदान फ़तेह)
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया (फ़तेह)
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह फ़तेह
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ
तेरी कोशिशें ही कामयाब होंगी
जब तेरी ये जिद्द आग होगी
फूँक देगी नाउमीदियाँ नाउमीदियाँ
तेरे पीछे पीछे रास्ते ये चलके
बाहों के निशानों में ढलके
ढूँढ लेंगे अपना आशियाँ
अपना आशियाँ अपना आशियाँ
लम्हों से आँख मिला के
रख दे जी जान लड़ा के
टूटी शमशीरों से ही हो हो ओ ओ
कर हर मैदान हर मैदान
हर मैदान हर मैदान
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह ओ बंदेया
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
कर हर मैदान फ़तेह रे बंदेया
हर मैदान फ़तेह
Written by: Vikram MontroseLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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