Kaanchi Re Kaanchi

Sukhwinder Singh

हे कांची कांची रे कांची रे (?) हे हो कड़क धुप और ठंडी छाव एक अकेली पूरा गाँव पूछोगे अब उसका नाओ क्या कांची रे कांची कांची रे कांची कांची रे कांची कांची रे कांची ओह होहो हो हो हो कड़क धुप और ठंडी छाव एक अकेली पूरा गाँव पूछोगे अब उसका नाओ क्या कांची रे कांची कांची रे हा कांची रे कांची कांची रे (कांची रे कांची) चोटी में वह तूफ़ान बांधे तूफ़ान बांधे हे बरखा में वह आग लगाए आग लगाए हे तितली है या बिजली है वह क्या है समझ न आये hello जी हाय हाय हाय नैनो से दुनिया घुमाये नैनो से दुनिया घुमाये सीढ़ी साँची बात हमेशा बोली साँची साँची रे कांची रे कांची कांची रे कांची रे कांची कांची रे साँची तू तो काँच के जैसी हे हे हे हे तेज़ भी है पर आंच के जैसी हे हे हे हे मेरे देश की लड़की है वो दुनिया समझ ये जाए hello जी हाय हाय हाय सातों ही रंग वह दिखाए सारी दुनिया उसके दिल से परखी जाँची कांची रे कांची कांची रे कड़क धुप और ठंडी छाव (कड़क धुप और ठंडी छाव) एक अकेली पूरा गाँव (एक अकेली पूरा गाँव) पूछोगे अब उसका नाओ कांची रे (पूछोगे अब उसका नाओ) कांची रे कांची कांची रे कांची

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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