Man Tu Shudi

Sonu Nigam

ओ ओ ओ घूम्शुदा ज़िंदगी थी बेख़बर बेखुदी तू मिला तो मिली सर सबाज़ता बिंदगी जब से तू मिला मुझ को हू बस यहीं जानता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता कहाँ थी ज़हें दिल ये कहाँ थी आए गाज़ल कहाँ था अब तलक़ मैं नही थे कुछ बदल लब पे थी आहा मैने माना थी कठिन राह मैने माना रब तुसे देर खुद से हुआ राबता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता कदम कदम थे घाम ज़िंदगी दुश्वार थी घड़ी अभी रुकी हारतरफ दीवार थी लब पे थी आहा मैने माना थी कठिन राह मैने माना शुड गयी तीर ही मिल गया रास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता मान तू शुदम तू मान शुदी मेरा जाग से क्या वास्ता

Written by: HARPREET SINGH, UBAID AZAM AZMILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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