वनडे मातरम
वनडे मातरम
सुजलां सुफलाँ
मलयजशहीतलाम
शास्यष्यामालाम
मातरम वनडे मातरम
झरझर नादिया सरसार चलती
पवन शुभ तेरे
मौसम वनडे मातरम
जंगल जंगल डाली डाली
चाँदनी बरसे सपनोंवाली
तेरे चरणों का चुंबन ले हम
शीतल मुस्कान तेरा करम
वनडे मातरम वनडे मातरम वनडे मातरम वनडे मातरम
हे जननी मा भारती
तू नहीं साहस हारती
जाग करता तेरी आरती ऐसी तेरी भक्ति
तेरे रूप साक्षात
हैं तेरे करोड़ों साथ हैं
तेरे करोड़ों हाथ हैं
जिन्न में तेरी शक्ति है
सारे ही सागरों के
तट पर है तेरी प्रशंसा
तेरा हरहार क्षेत्रा है गगंसा
तू विद्या तू धर्म है
डोर हे तू भरमा हे
प्रेम से मॅन तेरा नर्मा हे
करुणा पार तेरी
जागा स्वाभिमान हे
तू धीरज तू ध्यान है
सुनके पुकार टेरिइइ
सारे ही सागरो के तट पर है तेरी प्रांशानशा
तेरा हर हर क्षेत्रा हे गगन सा
सुजलां सुफलाँ मलयज शीतलाम
सस्यष्यामालाम मातरम
वनडे मातरम, वनडे मातरम
सुजलां सुफलाँ मलयज शीतलाम
सस्यष्यामालाम मातरम
वनडे मातरम, वनडे मातरम
Written by: Jatin-Lalit, Javed AkhtarLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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